राज्य में आरक्षित श्रेणी से 77 फीसदी नियुक्ति को मिली मंजूरी

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राज्य में आरक्षित श्रेणी से 77 फीसदी नियुक्ति को मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 14 सितंबर 2022 को कैबिनेट में स्वीकृत कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में शामिल प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति मिल गई है। जिसके बाद अब राज्य में आरक्षित श्रेणी से 77 फीसदी नियुक्तियां होंगी।

वहीं मेरिट के आधार पर 23 फीसदी भर्तियां होंगी। यह अधिनियम संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद ही प्रभावी होगा।

नए संशोधन के मुताबिक अब राज्य में होनेवाली नियुक्तियों में अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 28 प्रतिशत व अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची 1) को 15 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित 2) को 12 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।कई प्रावधान को हटाया गया झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण ( अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्गों के लिए) से जुड़े 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधानों को हटा दिया गया है।

उसे इस प्रकार प्रतिस्थापित की गई है। 4 (1) के अंतर्गत किसी स्थापना में सेवाओं व पदों की सभी नियुक्तियां, जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानी हो, 77 फीसदी आरक्षण कोटि और मेरिट के आधार पर 23 फीसदी हो जाएगी। यह झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2022 के नाम से जाना जाएगा ।

यह अधिनियम संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित होने के बाद प्रभावी होगा।

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