
तृतीय वर्ग में नियुक्ति के लिए प्रखंड और चतुर्थ वर्ग के लिए पंचायत को आधार बनाने का सुझाव मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष के द्वारा दी गई है।
गौरतलब हो कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा शिक्षक नियुक्ति में खतियानी को नौकरी देने की बात कहा है। जिसपर मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा मंत्री की भावना का हम सम्मान करते हैं पर इसके लिए सरकार को ईमानदारी पूर्वक पहल करनी होगी।
राज्य सरकार अपने अधिकार आर्टिकल 16-4 का करें उपयोग
राजेंद्र प्रसाद ने सुझाव दिया है कि खतियानी लोगों को नौकरी देनी है तो तृतीय वर्ग में नियुक्ति के लिए प्रखंड व चतुर्थ वर्ग के लिए पंचायत को आधार बनाना होगा।
इसके लिए खतियानी लोगों को 10 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स के साथ राज्य सरकार अपने अधिकार आर्टिकल 16-4 का भी उपयोग करे। तब कहीं जाकर खतियानी लोगों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी मिल सकेगी।
उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सरकार पिछड़ी जातियों के साथ-साथ मूलवासी सदान से आने वाले सवर्ण समुदायों के लोगों का भी जातीय जनगणना एवं सामाजिक आर्थिक राजनीतिक स्थिति का सर्वेक्षण कराए। और कानूनी दांवपेंच से बचा जा सके।
राजेंद्र प्रसाद ने आगे कहा कि ऐसा न हो कि जिस तरह से पंचायत व नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है उसी तरह झारखंडियों को शिक्षक नियुक्ति में वंचित होना पड़े।
अब सरकार की जिम्मेदारी है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल ईमानदारी पूर्वक करे।
राजेंद्र प्रसाद ने सरकार से मांग किया है कि जिन 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य है, वहां शिक्षक नियुक्ति से पहले उसमें सुधार कर उन्हें आरक्षण का लाभ मिले। बड़ी
बड़ी खबर : शिक्षक बनने के लिए झारखंड में अब ये आहर्ता अनिवार्य , नियमावली पर शिक्षा मंत्री दो टूक