
रांची: 1932 के खतियान धारक ही झारखंड में अब शिक्षक बन सकेंगे। बता दें कि राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के 50 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द ही आरंभ होने वाली है।
ये नियुक्तियां दो चरणों में करने को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। इसे लेकर बताया गया कि प्रथम चरण में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी और इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। साथ ही जिलों द्वारा आरक्षण रोस्टर भी क्लियर कर लिया गया है।
इस नियुक्ति के बाद दूसरे चरण में 24 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इन नियुक्तियों को लेकर शिक्ष मंत्री जगरनाथ महतो ने बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में 1932 आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति के आधार पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राज्य में प्रस्तावित स्थानीयता व नियोजन लागू करने की प्रक्रिया पूरी होने तक शिक्षक नियुक्ति के प्रावधान में सरकार बदलाव करेगी।
बिहार में जब केवल बिहारी शिक्षक बनते हैं, तो झारखंड में भी केवल खतियानी ही बनेंगे शिक्षक
इस संबंध में शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बिहार में जब केवल बिहारी शिक्षक बनते हैं, तो झारखंड में भी केवल खतियानी ही शिक्षक बनेंगे। कहा कि हमारी सरकार ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति को 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति से जोड़ा है और इसे विधानसभा से पारित भी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नियोजन नीति लागू करने की प्रक्रिया पूरी होने तक नियुक्ति नहीं रोकी जायेगी। साथ ही ऐसा भी नहीं होने दिया जायेगा कि इस दौरान ऐसे लोगों की नियुक्ति हो जाये, जो इस प्रावधान के तहत नहीं आते हैं।
पांच वर्षों से नहीं हुई है भर्ती
बता दें कि राज्य में पिछले पांच वर्ष में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कोई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इससे पहले राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की पिछली नियुक्ति वर्ष 2015-16 में हुई थी।
इसके बाद वर्ष 2018-19 में एक हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई, लेकिन यह नियुक्ति भी वर्ष 2015-16 में जमा आवेदन के आधार पर ही हुई थी।