किसानों से कराया फर्जी हस्ताक्षर, 60 लाख के गबन का मामला आया सामने

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किसानों से कराया फर्जी हस्ताक्षर, 60 लाख के गबन का मामला आया सामने

मामले को लेकर बताया गया कि एनएफएसएम के एडिशनल एरिया कवरेज प्रोग्राम के तहत आत्मा को 60 लाख रुपये मिले थे।

इस राशि से किसानों के अरहर फसल पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करना था, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी सह प्रभारी आत्मा द्वारा इसके लिये जीतेंद्र कृषि विज्ञान केंद्र (गढ़वा) को 60 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। बता दें कि डीसीएलआर ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि आखिर जीतेंद्र कृषि विज्ञान केंद्र को ही क्यों प्राधिकृत किया गया और इसकी तकनीकी योग्यता का आधार क्या है, जिसपर विभाग के पदाधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर एवं साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।

एक ही व्यक्ति द्वारा किये गये अधिकतर हस्ताक्षर

डीसीएलआर ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि राज्य कृषि निदेशालय द्वारा शारदा एग्रो एजेंसी को निविदा के लिए चयनित किया गया था। इसके अलावा किसानों की जो वितरण सूची उपलब्ध करायी गयी, उसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि एक ही व्यक्ति द्वारा अधिकतर हस्ताक्षर किये गये हैं। साथ ही इसमें किसानों का प्लॉट नंबर, खाता नंबर अंकित नहीं किया गया है। बता दें कि यह मामला वित्तीय वर्ष 2012-13 का है, लेकिन जांच रिपोर्ट हाल ही में सौंपी गयी है।

किन प्रखंडों में निकाली गयी कितनी राशि

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि इस योजना के तहत गढ़वा के 682 किसानों की 1216 हेक्टेयर भूमि के लिए 9.10 लाख रुपये, सगमा प्रखंड के 781 किसानों के बीच 1269 हेक्टेयर भूमि के लिए 9.49 लाख रुपये, रमना प्रखंड के 455 किसानों की 1351 हेक्टेयर भूमि के लिए 10.12 लाख रुपये, डंडई प्रखंड के 274 किसानों की 668 हेक्टेयर भूमि के लिए पांच लाख रुपये, कांडी प्रखंड के 497 किसानों की 884 हेक्टेयर भूमि के लिए 6.62 लाख रुपये, भवनाथपुर प्रखंड के 742 किसानों की 925 हेक्टेयर भूमि के लिए 6.93 लाख रुपये, केतार प्रखंड के 669 किसानों की 825 हेक्टेयर भूमि के लिए 6.18 लाख रुपये, तथा डंडा प्रखंड के 468 किसानों की 869 हेक्टेयर भूमि के लिए 6.5 लाख रुपये की निकासी की गयी है।

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