
एक हजार करोड़ के अवैध खनन से अर्जित राशि की मनी लाउंड्रिंग से जुड़े केस में ईडी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से करीब नौ घंटे पूछताछ की। इस दौरान करीब 30 सवाल पूछे गए। मुख्यमंत्री दिन में करीब 12 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे और रात 9.37 मिनट पर बाहर निकले। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने 32 प्रकार के डॉक्यूमेंट मांगे हैं। इनके मिलने के बाद सात से दस दिनों में दोबारा सीएम को बुलाया जा सकता है।
क्रास सवाल का नहीं दे सके जवाब
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पूछताछ के दौरान शुरू में तनाव में रहे, पर बाद में उन्होंने आत्मविश्वास से जवाब दिया। बताया जा रहा है कि सीएम कई क्रास सवालों का जवाब नहीं दे पाए। अधिकतर पर उन्होंने बाद में जानकारी लेकर जवाब देने की बात कही। सीएम ने राजनीतिक संरक्षण में अवैध खनन से भी इनकार किया।
भाई के साथ गए व पत्नी संग लौटे
पूछताछ खत्म होने के बाद रात 8.48 बजे मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन उन्हें लेने के लिए ईडी ऑफिस पहुंचीं। सीएम रात 9.37 बजे ईडी कार्यालय से निकले। इससे पहले दिन के 11.55 बजे मुख्यमंत्री अपने छोटे भाई बसंत सोरेन के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे थे।
संपत्ति पर भी पूछे गए सवाल
ईडी ने सीएम से उनकी चल व अचल संपत्तियों के बारे में पूछा। साथ ही बीते दो ढाई सालों में अर्जित संपत्ति का ब्यौरा मंदा। ईडी ने सीए जे जयपुरियार के यहां से मिले कागजात पर भी सवाल पूछे।
घर का खाना खाया
जानकारी के मुताबिक, दोपहर में मुख्यमंत्री ने सीएम आवास से आया खाना खाया। बताया जाता है कि करीब एक घंटे तक दिल्ली से आए ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी ने अकेले सवाल पूछे। पूरी पूछताछ बेहतर माहौल में हुई।
पक्ष में सौंपा पत्र
जानकारी के मुताबिक, ईडी आफिस पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने पक्ष में तीन पन्नों का पत्र सहायक निदेशक देवव्रत झा के नाम सौंपा। इसमें सीएम ने 1000 करोड़ के अवैध खनन को लेकर जो दलील दी, उसे खारिज कर दिया गया। एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने पत्र में अवैध खनन के जरिए एक हजार करोड़ की रॉयल्टी चोरी की बात लिखी है। लेकिन ईडी ने कहा कि यह रॉयल्टी चोरी नहीं, बल्कि अवैध खनन का मामला है।
सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम पूछताछ के दौरान ईडी दफ्तर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। यहां बड़ी संख्या में सुरक्षकर्मी तैनात किए गए थे।
ईडी दफ्तर जाने से पहले पिता से लिया आशीर्वाद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए निकलने से पहले अपने पिता शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया। इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम के साथ मंत्री चंपई सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी, बन्ना गुप्ता आदि मौजूद रहे।
पंकज पार्टी कार्यकर्ता
पंकज मिश्रा के साथ संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ता हैं। वह उन्हें बखूबी जानते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने पंकज द्वारा किए जा रहे किसी अवैध कारोबार को संरक्षण नहीं दिया। पंकज के यहां सीएम के हस्ताक्षरयुक्त चेक बुक के सवाल पर उन्होंने कहा की चुनाव के दौरान पंकज बरहेट का काम काज संभालते थे तब उनके यहां ही चेक बुक छूट गया था।
प्रेम को नहीं पहचानते
ईडी ने प्रेम प्रकाश के साथ संबंधों पर जब जानकारी मांगी तो सीएम ने कहा कि वे उसे नहीं पहचानते। जब पूछा गया कि प्रेम के यहां सीएम हाउस के तैनात सिपाही कैसे पहुंचे थे उन्होंने इस बात की जानकारी से इनकार किया। सीएम ने कहा कि पुलिसकर्मी प्रेम प्रकाश के यहां कैसे तैनात थे इस बात की जानकारी डीजीपी या पुलिस पदाधिकारी ही दे पाएंगे। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं।
अमित से घरेलू संबंध
ईडी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के संबंध में भी कई सवाल पूछे। इस दौरान सीएन ने बताया कि अमित अग्रवाल के परिवार के साथ उनकी पारिवारिक घनिष्ठता है। इसके अलावा उसके बारे में और कोई खास जानकारी उनके पास नहीं हैं। बता दें कि अमित अग्रवाल भी अभी ईडी की गिरफ्त में है और फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।
पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री बोले, चिंता की बात नहीं
मुख्यमंत्री पूछताछ के बाद जब देर रात लौटे तब विधायकों के साथ औपचारिक बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब बढ़िया है। घबराने और चिंता की बात नहीं है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शुक्रवार को रांची में ठहरे हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। सभी सत्ताधारी विधायकों को भी सुबह सीएम आवास बुलाया गया है।