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देश की इस इस्लामी संस्थान में संस्कृत में हो रही भगवद गीता की पढ़ाई, संस्कृत में करते है बातचीत

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देश की इस इस्लामी संस्थान में संस्कृत में हो रही भगवद गीता की पढ़ाई, संस्कृत में करते है बातचीत

देश का एक ऐसा इस्लामी संस्थान जहां संस्कृत में पढ़ाई होती है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जहां भगवद गीता और रामायण की भी पढ़ाई करवाई जाती है। बता दें कि यह मामला मध्य केरल के त्रिशूर जिले का है, जहां बच्चे रोज संस्कृत पढ़ते हैं। केरल के इस संस्थान की कक्षा में छात्र और प्रोफेसर के बीच सभी बातचीत भी संस्कृत में ही होती है। यहां प्रतिदिन गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुदेव नमः, ऐसा ही श्लोक रोज छात्र अपने प्रोफेसर द्वारा कहे जाने पर संस्कृत में बोलते हैं।

भगवद गीता व रामायण की भी होती है पढ़ाई

इस संबंध में प्राचार्य ने बताया कि भगवद गीता, महाभारत, उपनिषद, रामायण के महत्वपूर्ण अंश छात्रों को 10वीं कक्षा पास करने के बाद आठ साल की उम्र में संस्कृत में चुनिंदा रूप में पढ़ाए जाते हैं। इन ग्रंथों का चयनात्मक शिक्षण इसलिए है क्योंकि संस्था मुख्य रूप से एक शरिया कॉलेज है जहां अन्य भाषाएं, जैसे उर्दू और अंग्रेजी भी पढ़ाई करवाई जाती है। इसके अलावा इस संस्थान में कला भी एक डिग्री पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है क्योंकि यह कालीकट विश्वविद्यालय से संबंधित है।

जानें इसके पीछे का उद्देश्य

बता दें कि मलिक दीनार इस्लामिक कॉम्प्लेक्स (एमआईसी) द्वारा संचालित इस शरिया और उन्नत अध्ययन अकादमी (एएसएएस) के प्राचार्य ओणमपिल्ली मुहम्मद फैजी ने बच्चों को संस्कृत पढ़ाने के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि संस्कृत, उपनिषद, पुराण आदि पढ़ाने के पीछे का उद्देश्य छात्रों में अन्य धर्मों के बारे में ज्ञान और जागरूकता उत्पन्न करना है। इसका मुख्य कारण, एमआईसी में छात्रों को संस्कृत पढ़ाने के लिए फैजी की अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि थी, क्योंकि उन्होंने शंकर दर्शन का अध्ययन किया था।

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