
शिक्षा मंत्री के साथ शनिवार को पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता हुई। इस दौरान पारा शिक्षकों ने कई मुद्दों पर उन्हें घेरा ।
सामुदायिक सहयोगी संघ के प्रदेश प्रतिनिधि मंडल में विनोद बिहारी महतो, विनोद तिवारी, सुशील कुमार पांडे के द्वारा स्कूली साक्षरता विभाग के मंत्री जगन्नाथ महतो से उनके रांची स्थित आवास पर राज्य के सहायक अध्यापकों संप्रति पारा शिक्षकों के वेतनमान को लेकर घंटों वार्ता हुईं।
तीन साल बाद भी पारा शिक्षकों को नहीं मिला वेतनमान
इस दौरान विनोद बिहारी महतो ने कहा कि चुनाव पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री ने घोषणा किया था कि हमारी सरकार बनते ही पारा शिक्षकों को वेतनमान लागू करूंगा । 3 वर्ष बीत गए लेकिन चिर परिचित सपना अधूरा ही रह गया। जबकि बिहार में लालू प्रसाद यादव जी के कार्यकाल में अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी वेतनमान दिया गया जिस पर माननीय मंत्री जी द्वारा विचार करने का आश्वासन प्राप्त हुआ।
CTET को JTET की तरह मान्यता विचाराधीन
विनोद तिवारी द्वारा C TET को J TET की तरह मान्यता टेट विसंगति आदि को नियुक्ति में शामिल किया जाए । जिस पर माननीय शिक्षा मंत्री जी द्वारा कहा गया यह विचारणीय बिंदु है । रास्ता अवश्य निकाल लूंगा । यह अधिकारियों द्वारा उत्पन्न की गई समस्या है इसका समाधान जल्द होगा।
इपीएफ, अनुकंपा, कल्याण कोष सुशील कुमार पांडेय ने मंत्री से कहा कि अनुकंपा का जो लाभ मिला है वह नाकाफी है। उसमें लचीलापन भी आवश्यक है मंत्री जी ने कहा की ईपीएफ का फाइल बढ़ा दिया जाएगा ।
कल्याण कोष जल्द लागू होगा। अनुकंपा के नियम मेरे विचार से भी उचित नहीं है इसमें अवश्य रूप से सुधार किया जाएगा।
सहायक आचार्य नियमावली में संशोधन पर मंत्री का सहमति
मौजूद प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से कहा नियमावली त्रुटिपूर्ण है इसमें तत्काल सुधार किया जाए यह हम लोगों के लिए बिल्कुल ही उपयोगी नहीं है वर्तमान में सहायक आचार्य का मानदेय/वेतन भुगतान हो सहायक अध्यापकों को भी वही मानदेय/वेतन भुगतान की जाना चाहिए । इस पर मंत्री ने अपनी सहमति जताई।
उतना मानदेय देंगे जितना में सिर्फ भरण पोषण होगा
मंत्री ने विशेष जोर देकर प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया की आप लोग विद्यालय का संचालन और देखरेख स समय और ठीक ढंग से परिचालन करें । आप लोगों की जितनी भी मांगे हैं मैं निश्चित रूप से आप लोगों के साथ हूं । तत्काल में इतना मानदेय जरूर दूंगा कि आप लोग के परिवार का भरण पोषण ठीक से हो जाए। अर्थात मानदेय में एकमुश्त अच्छी बढ़ोतरी की जाएगी बाकी मांगों पर भी विचार किया जाएगा।
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