रिम्स में इलाजरत्त मूक-बधिर बच्ची को पैसे खत्म होते ही मां सहित निकाला अस्पताल से बाहर, जानें पूरा मामला

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रिम्स में इलाजरत्त मूक-बधिर बच्ची को पैसे खत्म होते ही मां सहित निकाला अस्पताल से बाहर, जानें पूरा मामला

रांची: रिम्स में इलाजरत्त मूक-बधिर बच्ची को अस्पताल से बाहर निकालने का मामला सामने आया है। इस संबंध में बच्ची के परिजनों ने बताया कि उनकी मूक-बधिर 12 वर्षीय बच्ची का इलाज रिम्स के शिशु रोग विभाग मंे चल रहा था, जब तक उनके पास पैसे से डाॅक्टरों ने बच्ची का इलाज बेहतर ढंग से किया। वहीं जब बच्ची के परिजनों के पास पैसे खत्म हो गये, तो डाॅक्टरों ने उन्हें अपनी बच्ची को वापस ले जाने को कहा। बच्ची की मां ने बताया कि तेज बुखार के बाद बच्ची को डा एके वर्मा की यूनिट में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसे धनबाद पीएमसीएच से गुरुवार को रिम्स रेफर किया गया था, जहां उसका इलाज चल रहा था।

जानें परिजनों ने क्या कहा

मामले को लेकर बच्ची के परिजनों ने बताया कि रिम्स में जब से बच्ची को भर्ती कराया गया है तब से उसे बाहर से ही दवा खरीदना पड़ रहा है। इलाज के दौरान डाक्टरों ने हमेशा बाहर से ही दवा लाने को कहा था, लेकिन जब दवा खरीदने के पैसे खत्म हो गए तो उससे कहा गया कि अब इलाज नहीं हो सकता। साथ ही डाक्टरों ने कहा कि बिना दवा के बच्ची को बचाना मुश्किल है, रिम्स में बच्ची के इलाज से संबंधित कोई दवा नहीं है। इसके बाद मायुस होकर मां अपने बच्ची के साथ रिम्स परिसर में स्थित पेड़ के नीचे बैठ गई।

बच्ची की मां ने बाहर से ही खरीदी सभी दवाएं

बता दें कि इलाज को लेकर रिम्स प्रबंधन की ओर से चाहे कितने ही दावे किये जाए, लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि रिम्स में मरीजों को दवा नहीं मिलती। बच्ची की मां ने बताया कि बीते 12 घंटे में बच्ची को सात तरह की दवा दी गई, जिसमें पांच तरह का इंजेक्शन लिखा गया था, जिसे खुद उन्होंने बाहर से खरीदकर लाया था। वहीं जो दवा मिलती भी है उसे खुद डाक्टर भी नहीं लिखते। यही स्थिति इस गरीब परिवार के साथ हुआ और यहां भर्ती हर एक मरीज की ऐसी ही स्थिति है।

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