
स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ 15 नवंबर को मनाया जाएगा
नई दिल्ली। पिछले साल केंद्र सरकार ने वीर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस साल भी शिक्षा मंत्रालय देश भर के स्कूलों, कौशल संस्थानों व उच्च शिक्षण संस्थानों में भव्य तरीके से ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की घोषणा की है।
जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए शिक्षा मंत्रालय एआईसीटीई, यूजीसी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों एवं अन्य एचईआई, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस और कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मना रहा है।
जनजातीय गौरव दिवस के राष्ट्रव्यापी समारोह में देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं सामाजिक गतिविधियों से जुड़े अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इन समारोहों के दौरान भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य वीर जनजातीय नायकों के योगदान पर भी प्रकाश डाला जाएगा। छात्रों को अच्छे काम के लिए भी सम्मानित किया जाएगा।
ग़ौरतलब है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को है, जिन्हें देशभर के जनजातीय समुदाय भगवान के रूप में पूजते हैं। भगवान बिरसा मुंडा देश के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक व श्रद्धेय जनजातीय नायक थे, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी एवं अपने जीवनकाल में ही एक महान व्यक्ति बन गए, जिन्हें अक्सर ‘भगवान’ की उपाधि भी दी गई।
जनजातीय आंदोलन को संगठित करने के साथ नेतृत्व भी प्रदान की
बिरसा मुंडा ने जनजातियों से “उलगुलान” (विद्रोह) का भी आह्वान किया। जनजातीय आंदोलन को संगठित करने के साथ नेतृत्व भी संभाला। उन्होंने जनजातियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने व एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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