राजस्व कर्मचारी का हड़ताल का असर : जाति-आवासीय नहीं बनने के कारण नहीं कर पा रहे आवेदन

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राजस्व कर्मचारी का हड़ताल का असर : जाति-आवासीय नहीं बनने के कारण नहीं कर पा रहे आवेदन

: झारखंड के राजस्व कर्मचारी का हड़ताल 45 दिनों के बाद अब भी जारी है। बता दें कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजस्व कर्मचारियों का हड़ताल खत्म ही नहीं हो रहा है। वहीं राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण अंचलों में काम-काज ठप पड़ा हुआ है।

खासकर झारखंड में नौकरी करने के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। चूंकि बिना जाति और आवासीय प्रमाण पत्र के उम्मीदवार आवेदन नहीं कर पा रहे है।

हालांकि राहत की बात यह है कि कुछ अंचलों में राजस्व कर्मी हड़ताल से अलग होकर वापस अपने काम पर लौट आये हैं।

वहीं प्रमाण पत्रों के अभाव में किसी का किसी संस्थान में नामांकन रूका हुआ है, तो किसी का नियोजन। साथ ही दाखिल-खारिज और जमीन का लगान रसीद भी नहीं कट पा रहा है।

बाघमारा अंचल कार्यालय के सीओ की आइडी में फंसे हैं हजारों आवेदन

बता दें कि बाघमारा अंचल कार्यालय में आवेदन जमा करने वाले विद्यार्थियों का सीआइ एवं सीओ तत्काल आय, जाति, आवासीय तथा इडब्लू एस प्रमाण पत्र निकलवा रहे हैं, लेकिन जो आवेदन प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से आ रहे हैं वे आवेदन कर्मचारियों की आइडी में पड़े हुए है, क्योंकि 12 हल्का में से छह का काम सीआइ व छह हल्का का एक मात्र कर्मचारी विशेश्वर शर्मा कर रहे हैं।

कर्मचारियों की लॉगिन में कितने आवेदन पड़े हैं उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि इसकी संख्या हजारों में है। वहीं कार्यालय में जमीन म्यूटेशन का मामला भी लटका पड़ा हैं. क्योंकि भूमि के कागजात और भौतिक जांच नहीं हो पा रही है।

उपायुक्त ने हड़ताल पर गये राजस्व कर्मचारियों को दी चेतावनी

उपायुक्त संदीप सिंह ने एक विभागीय पत्र जारी कर राजस्व कर्मचारियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा है कि असंवैधानिक तरीके से की गयी हड़ताल से आप वापस नहीं लौटते हैं तो अनुशासनात्मक कारवाई के लिए बाध्य होंगे।

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