
संविदा कर्मियों की किस्मत बदलने वाली है। आगामी 10 नवंबर को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक होने वाली है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने कैबिनेट की बैठक के संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
साथ ही सभी विभागों को पत्र लिखकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखने के लिए भी संलेख उपलब्ध कराने को निर्देश दिया है। यह बैठक गुरुवार को दिन के दो बजे से प्रोजेक्ट भवन सभागार में होगा।
राजस्थान के तर्ज पर झारखंण्ड में भी संविदा कर्मियों के नियमतिकरण पर फैसला सम्भव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद की बैठक होगी। बैठक में राज्य स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए कई बड़े निर्णय की संभावना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए पॉलिसी लाने पर हेमन्त सरकार निर्णय ले सकती है। बतादें कि हाल ही में राजस्थान सरकार ने भी इस तरह की एक नीति लागू किया है,उसी के तर्ज पर झारखंड में भी संविदा कर्मियों को नियमित करने पर फैसला लिया जा सकता है। लंबे समय से संविदा कर्मी नियमतिकरण करने की मांग भी कर रहे है।
कैबिनेट की बैठक में संविदा पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों के डीए वृद्धि पर भी निर्णय होने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर को लेकर भी मुख्यमंत्री नई योजनाओं के प्रस्ताव ला सकते हैं। इसलिए यह संभव है कैबिनेट से पहले उसकी मंजूरी ले ली जाए।
विशेष सत्र के लिए भी लाया जाएगा प्रस्ताव
कैबिनेट में इसके अलावा सड़क निर्माण सहित एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों की स्वीकृति मिल सकती है। कैबिनेट की बैठक में 11 नवंबर को विधानसभा के एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की भी मंजूरी दी जाएगी। विशेष सत्र में झारखंड की नई स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर विधानसभा से पारित होने की संभावना है। स्थानीय नीति 1932 के साथ साथ अंतिम सर्वे के आधार पर भी विचार विमर्श किया जा सकता है।
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