
रांची: झारखंड सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर राज्य के सभी कर्मियों से 15 नवंबर तक अंडरटेकिंग मांगा है।
बता दें कि आज झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने राज्य में पुराने पेंशन लागू किए जाने पर सुनवाई की। इस दौरान राज्य के कर्मचारियों से लिए जाने वाले अंडरटेकिंग पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अंशदान को लेकर लगाई गई शर्त कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होगी।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कर्मियों को अंडरटेकिंग दिए जाने की तिथि को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। बता दें कि आज सुनवाई के दौरान राज्य के वित्त सचिव कोर्ट में पेश हुए।
पुरानी पेंशन लागू किए जाने को लेकर अदालत ने खड़े किये कई सवाल
बता दें कि आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए राज्य के वित्त सचिव से पूछा गया कि पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर नई पेंशन में कटौती किए गए अंशदान को वापस लाने के लिए क्या किया जा रहा है।
इसपर सचिव ने कहा कि नई पेंशन योजना ट्रस्ट में कर्मियों के पैसे जमा हैं और केंद्र की दो अन्य एजेंसी इसकी निगरानी करती है। वित्त सचिव ने कहा कि राज्य सरकार अंशदान के रूप में जमा राशि को वापस लाने का प्रयास कर रही है। इस पर अदालत ने नई पेंशन योजना ट्रस्ट सहित एजेंसियों को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
वहीं मामले को लेकर नोटिस तामिला होने के बाद आगे की सुनवाई की जाएगी।
जमशेदपुर के कई शिक्षकों की ओर से दाखिल की गई है याचिका
बता दें कि राज्य सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने से पहले ही जमशेदपुर के कई शिक्षकों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
इसमें कहा गया था कि उनकी नियुक्ति भले ही वर्ष 2004 के बाद हुई है, लेकिन नियुक्ति का विज्ञापन और प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू की गई थी। इसलिए उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। लेकिन अब सरकार से निर्णय की वजह से नई स्थितियां पैदा हो गई है। झारखंड सरकार
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