सरकार का बड़ा फैसला : नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा

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सरकार का बड़ा फैसला : नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा

सरकार का बड़ा फैसला : नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा

झारखंड विधानसभा का 11 नवंबर को विशेष सत्र आहूत करने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अनुरोध पत्र गुरुवार को स्पीकर रबींद्र नाथ महतो को प्राप्त हो गया है। विधानसभा सचिवालय की ओर से विशेष सत्र को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है।

विधानसभा सचिवालय के प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों समेत सभी विधायकों को अधिसूचना भेज कर स्पष्ट किया है कि यह नवम मानसून सत्र की स्थगित बैठक का विस्तार होगा।

स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक-2022 और झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम-2001 (यथा संशोधित) में संशोधन के लिए विधेयक-2022 पेश किया जाएगा

इस दौरान झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक-2022 और झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम-2001 (यथा संशोधित) में संशोधन के लिए विधेयक-2022 पेश किया जाएगा। इसे विधानसभा की कार्य-संचालन नियमावली के नियम 15 में दर्ज प्रविधानों के मुताबिक आहूत किया गया है। दोनों विधेयक संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगा।

बताया गया है कि संविधान की नौवीं अनुसूची में केंद्र और राज्य कानूनों की एक ऐसी सूची है, जिन्हें न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती। वर्तमान में संविधान की नौवीं अनुसूची में कुल 284 कानून शामिल हैं, जिन्हें न्यायिक समीक्षा संरक्षण प्राप्त है।

विशेष नियम से बुलाया सत्र

विशेष सत्र को विधानसभा सचिवालय ने मानसून सत्र की स्थगित बैठक का ही विस्तार बताया है। इससे पहले पांच सितंबर को राज्य सरकार ने इसी आधार पर सत्र आहूत किया था। इस दौरान हेमंत सरकार ने बहुमत का विश्वास मत हासिल किया था।

विधानसभा की कार्यसंचालन नियमावली के नियम-15 के तृतीय परंतुक में वर्णित प्रवधान के तहत विशेष सत्र आहूत किया गया है। इसके अनुसार जब तक राज्यपाल द्वारा सत्रावसान नहीं कर दिया जाता है तब तक सदन नेता के परामर्श पर अध्यक्ष द्वारा सत्र बुलाया जा सकता है। राज्य सरकार ने इसी नियम के अनुसार कैबिनेट की अनुशंसा के आधार पर सत्र आहूत करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो से आग्रह किया है। इसके लिये राज्य सरकार को राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

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