
हाय रे सिस्टम : एक अधिकारी के खातिरदारी करने में लगे हजारीबाग के सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इंट्री नहीं मिला। महिला दर्द से कराहती रही पर तब भी भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले कर्मियों का दिल नहीं पिघला। और महिला ने अस्पताल के गेट के बाहर ही खड़े खड़े बच्चे का जन्म दे दी। जिसके बाद अस्पताल में खलबली मच गई। पर नवजात को बचा न सके ।
अधिकारी के खातिरदारी के चक्कर में भूल गए कर्तब्य
दरसल झारखंड के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह के आगमन के पूर्व ही हजारीबाग स्वस्थ महकमे में हड़कंप जारी था। जहां मंगलवार से ही स्वास्थ्य सचिव को बेहतर व्यवस्था दिखाने की कवायद की जा रही थी। बुधवार को उनका इंट्री हुआ तो अस्पताल के कुछ कर्मी भी अपने कर्तब्य को भूल उनके खातिरदारी में जुट गए।
इसी बीच प्रसूति वार्ड में गर्भवती महिलाओं को इंट्री देने में भी काफी मशक्कत उठानी पड़ी । ये वाक्या नौशाद आलम की पत्नी के साथ हुआ जिन्हें प्रसव पीड़ा के उपरांत सदर अस्पताल हजारीबाग ले जाया गया था । पर वहां तो चिकित्सक एवं स्वास्थ्य महकम्मे से जुड़े सभी कर्मी स्वास्थ्य सचिव के स्वागत में लगे हुए थे।
महिला प्रसव के दर्द से कराह रही थी ऐसे में किसी तरह दवा देकर उसके दर्द को शांत कराने की कोशिश की गई लेकिन महिला की देखभाल अस्पताल के द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। इसी दौरान गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल के बाहर खड़े में ही हो गया ।
जिसके बाद आनन-फानन मुक्ति सेवा संस्थान के नीरज कुमार ने मदद की। गनीमत हो ऊपर वाले की की जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ था पर बच्चे ने दो घण्टे के भीतर ही दम तोड़ दिया।
स्वास्थ सचिव के सामने ही स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल
हजारीबाग स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल इस घटना के बाद और ज्यादा खुलती नजर आ रही है ऐसे में जरूरत है झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य सचिव को पर्दे के पीछे छिपे स्वास्थ्य व्यवस्था के हाल की जानकारी लेने की ताकि उन्हें जो दिखाया जा रहा है वह हकीकत नहीं कुछ और है यह सामने आए और लोगों की बेहतरी हो सके।
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