डीसी, एसपी व विधायक ने गोपाष्टमी मेला में पशुओं को चारा खिलाकर किया मेले का उद्घाटन

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डीसी, एसपी व विधायक ने गोपाष्टमी मेला में पशुओं को चारा खिलाकर किया मेले का उद्घाटन

डीसी, एसपी व विधायक ने गोपाष्टमी मेला में पशुओं को चारा खिलाकर किया मेले का उद्घाटन

गौशाला का संरचना के निर्माण में जिला प्रशासन की ओर से सहयोग का आश्वासन मिला यह सराहनीय पहल है: विधायक

गौ माता की पूजा करना हिंदू संस्कृति की पहचान है इस संस्कृति को बचाए रखना हमारा कर्तव्य: डीसी

सौभाग्य की बात है कि गायों की पूजा भारत में की जाती है इससे हमारे भविष्य की कल्पना की जाती है: एसपी

हजारीबाग: हजारीबाग जिला अंतर्गत सदर प्रखंड क्षेत्र के सीतागढ़ में गोपाष्टमी मेला का आयोजन किया गया। मेला में जिले के उपायुक्त नैंसी सहाय और पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे ने पशुओं को चारा खिलाकर मेला का उद्घाटन किया।

उद्घाटन के पूर्व कोलकाता पिंजरापोल गौशाला परिसर को भव्य तरीके से सजाया गया, जिसमें विभिन्न तरह के स्टॉल लगाए गए। मेले में गाय के गोबर से बने दीये, धार्मिक पुस्तकें, गौ रक्षा की पुस्तकें, गौ की पूजा की पुस्तकें सहित अन्य तरह के बच्चों के लिए खेल खिलौने का स्टॉल लगाया गया था। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि छठ महापर्व के दूसरे दिन गोपाष्टमी मेला का आयोजन सीतागढ़ में किया जाता है।

गौ माता की पूजा करना हिंदू संस्कृति की पहचान है इस संस्कृति को बचाए रखना हमारा कर्तव्य है। पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चैथे ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि गायों की पूजा भारत देश में की जाती है इससे हमारे भविष्य की कल्पना की जाती है। मैं धन्यवाद देता हूं बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों को, जिन्होंने इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कर लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया।

सदर विधायक मनीष जायसवाल ने गौशाला मेले के सफल और बेहतरीन आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा की गौशाला के विकास और आर्थिक सहायता में आने वाले वर्षों में हमारा सहयोग रहेगा। उन्होंने यह भी कहा की उपायुक्त के द्वारा गौशाला के जमीन पर अन्यत्र भी गौशाला का आधारभूत संरचना के निर्माण में जिला प्रशासन की ओर से सहयोग का आश्वासन मिला यह सराहनीय पहल है। निश्चित रूप से पिंजरापोल गौशाला का दबाव कम हो इसलिए इसका विस्तार अन्यत्र भी होनी ही चाहिए।

मेले के आयोजन में बीएसएफ की रही अहम भागीदारी

बता दें कि आयोजित मेले में बीएसएफ के जवानों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती दी। हजारीबाग के आर्ष कन्या स्कूल की छात्राओं ने अपने कला को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया और गाय से जुड़ी हुई आत्मकथा का चिंतन लोगों को कराया। इसके अलावा शहर के अन्य कलाकारों को भी मौका दिया गया, ताकि पिंजरापोल के आगे की भविष्य और रणनीति बेहतर हो सके। इस दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को संदेश दिया गया कि पशु हमारे जीवन के अभिन्न हिस्सा है और पशुओं का अस्तित्व बचाना हमारे जीवन का कर्तव्य है।

हजारीबाग में पशुओं को चारा खिलाना अनोखा परंपरा

बता दें कि हजारीबाग में 1881 से पशुओं को चारा खिलाने का काम निरंतर चलता आ रहा है। पशुओ का पूजा करना, पूजा के बाद उन्हें चारा खिलाना, चारा खिलाकर उनसे आशीर्वाद ग्रहण करना अनोखा परंपरा है जिसे लोग आज भी निभा रहे है। चारा खिलाने के लिए हजारीबाग शहर सहित दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्र के लोग पिंजरापोल सीतागढ़ आते है। साथ ही जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी और राजनीति से संबंध करने वाले लोग भी खास दिलचस्पी रखते है और पशुओं की पूजा कर चारा खिलाने के साथ प्रसाद ग्रहण करते है।

कहां से आते है पशु

हजारीबाग जिले के अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पशुओं को यहां लाया जाता है। खासकर तस्करी के लिए ले जा रहे जितने भी पशु को प्रशासन जब्त करती है उसे कोलकाता पिंजरापोल गौशाला सीतागढ़ में लाया जाता है। पशुओं की देखभाल यहां के कर्मचारी करते है और जो पशु बीमार होते हैं उनके इलाज भी किया जाता है। स्वस्थ पशुओं से अगल-बगल गांव वालों को लीज पर देकर खेती कराई जाती है और लीज पर मिले हुए पैसे से गौशाला का विकास किया जाता है।

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