
Heart patient : राज्य सरकार ह्यझारखंड हृदय चिकित्सा योजनाह्ण के तहत झारखंड के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। मरीजों का उपचार गुजरात के राजकोट व अहमदाबाद में संचालित श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाएगा।
उपचार के लिए मरीजों का पहले चयन किया जाएगा। इसके लिए 4 से 6 नवंबर तक रिम्स में राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग कैंप लगाया जाएगा। स्क्रीनिग कैंप में जरूरतमंद मरीजों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी जिलों को लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत तीन दिनों में राज्य के 1375 मरीजों की जांच सुनिश्चित कराने की व्यवस्था सभी जिलों के सिविल सर्जन को करने की जिम्मेवारी दी गयी है।
अपर मुख्य सचिव ने सभी सिविल सर्जनों को इस बाबत आदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने जिलों से मरीजों को लाने एवं जांच के बाद जिला मुख्यालय पहुंचाने तक की पुरी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिले के किसी जिम्मेदार चिकित्सा पदाधिकारी को जिला नोडल पदाधिकारी नामित करते हुए तत्संबंधी सूचना निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य को भी दी जाए। कैंप में मरीजों को लाने-ले जाने के क्रम में बस भाड़े तथा प्रत्येक मरीज हेतु आवागमन के दौरान अल्पाहार हेतु अधिकतम सौ रुपये निदेशक प्रमुख द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी।
इस जिले के मरीजों का इस दिन स्क्रीनिंग
रिम्स में 4 से 6 नवंबर को आयोजित स्कीनिंग कैंप में राज्य के 1375 मरीजों की जांच का लक्ष्य तय किया गया है। जिसमें रांची के लिए सर्वाधिक 100, जबकि, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर व पलामू के लिए 75-75 एवं अन्य जिलों के लिए 50-50 मरीजों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य तय किया है।
पहले दिन 4 नवंबर को 9 जिले (रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, गुमला, सरायकेला, सिमडेगा व चाईबासा), 05 नवंबर को 11 जिले (देवघर, पलामू, चतरा, दुमका, गोड्डा, गढ़वा, जामताड़ा, कोडरमा, लातेहार, पाकुड़ व साहेबगंज) जबकि, 6 नवंबर को शेष 04 जिलों के मरीजों की स्क्रीनिंग होगी। अपर मुख्य सचिव ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि जिलावार वर्णित तिथि को ऐसे लक्षित बच्चों / व्यक्तियों को जिले से किसी जिम्मेदार चिकित्सा पदाधिकारी की देख-रेख में रिम्स, रांची लाया जाए तथा जांचोपरांत जिला मुख्यालय पहुंचा दिया जाए।
तीन माह से 65 वर्ष तक हृदय रोगियों का मुफ्त उपचार
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पीएमएसआरएफ द्वारा राज्य सरकार से अथवा रोगी के सहचर से प्री एंड पोस्ट (उपचार से पहले उपचार के बाद) डायग्नोसिस, क्लिनिकल इंवेस्टिगेशन, ट्रीटमेंट, सर्जरी, मेडिसिन, आईसीयू चार्जेज व इंप्लांट आदि के लिए कोई राशि प्राप्त नहीं की जायेगी। यह ईलाज की प्रक्रिया पूर्णत मुफ्त होगी। पीएमएसआरएफ द्वारा हर वर्ष 03 माह से 18 वर्ष के 500 बच्चों की सर्जरी श्री सांई हृदय अस्पताल, अहमदाबाद एवं 18 वर्ष से 65 वर्ष तक के 500 वयस्क मरीज की सर्जरी श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल, राजकोट में की जाएगी।
पीएमएसआरएफ से स्वास्थ्य विभाग ने किया है एमओयू
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य के अनुसार सरकार ने 20 अगस्त 2022 के द्वारा झारखंड हृदय चिकित्सा योजना की स्वीकृति प्रदान की है। इसी क्रम में प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन (पीएमएसआरएफ) के साथ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एमओयू किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्यांतर्गत आम जनता कोउच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता हेतु राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। झारखंड हृदय चिकित्सा योजना का उद्देश्य झारखंड राज्य के जरूरतनंद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित कार्डधारियों जो हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित है, को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।
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