पारा शिक्षकों के लिए खुशखबरी : मिलेगा ईपीएफ का लाभ ,तैयारी में जुटा विभाग

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पारा शिक्षकों के लिए खुशखबरी : मिलेगा ईपीएफ का लाभ ,तैयारी में जुटा विभाग

पारा शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। इन्हें इपीएफ का लाभ मिलेगा। सेवा शर्त नियमावली तैयार करने के समय भी शिक्षकों की ओर से इपीएफ की सुविधा देने की मांग की गई थी पर शिक्षकों को इपीएफ नहीं मिल पाया था। शिक्षकों के नियोक्ता का अंशदान किसके द्वारा दिया जाय जिसपर पर निर्णय नहीं हो पाया था। इसका बड़ा वजह पारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति के द्वारा की गयी थी। अब शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में भी प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दी है।

कल्याण कोष गठन की प्रक्रिया 5 दिसंबर तक पूरी कर ली जायेगी। सेवा शर्त नियमावली बनने के बाद लगभग 50 पारा शिक्षकों का निधन हो चुका है। पर किन्ही भी शिक्षक के आश्रित को नौकरी नहीं मिल पाई है।

अब राज्य के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने के शर्त में सरकार बदलाव करेगी। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा शिक्षकों को इपीएफ का लाभ देने, शिक्षक कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा गया है।

शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने के शर्त में बदलाव व इपीएफ क सुविधा के लिए प्रस्ताव झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में रखने को कहा गया है। इस वर्ष फरवरी में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनायी गयी थी। शिक्षक इसके शर्तों में बदलाव की मांग कर रहे थे।

अनुकंपा पर नौकरी का वर्तमान प्रावधान

झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 अनुसार पारा शिक्षकों के कार्य अविधि में मृत्यु होने की स्थिति में शिक्षक की अहर्ता पूर्ण करने पर मृतक के एक आश्रित को अनुकंपा का लाभ देय होगा।

क्या हो रही थी परेशानी नियमावली के शर्त के अनुसार शिक्षक बनने की योग्यता रखने पर ही अनुकंपा पर नौकरी मिल सकती थी। ऐसे में अगर मृतक के आश्रित शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास नहीं हो तो उन्हें नौकरी नहीं मिल सकती थी।

राज्य में पिछले पांच वर्ष से शिक्षक पात्रता परीक्षा ही नहीं हुई थी। ऐसे में किसी को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिल रही थी।

अब किया होगा बदलाव

शिक्षा मंत्री के निर्देश के अनुरूप अब इसमें बदलाव किया जायेगा। बदलाव के बाद अगर किसी मृतक शिक्षक के आश्रित शिक्षक बनने के मापदंड को पूरा नहीं करते हैं तो उनकी नियुक्ति योग्यता के अनुरूप अन्य पदों पर होगी नियुक्ति समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित योजनाओं में की जा सकती है।

नियमावली में करना होगा संशोधन

इसके लिए नियमावली में जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री संशोधन करना होगा। झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। नियमावली संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा।

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