सरकारी स्कूलों के बच्चों को क़्वालिटी एजुकेशन देने के लिए झारखंड सरकार ने बनाया मास्टर प्लान , शिक्षकों को दस महीना का प्रशिक्षण

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सरकारी स्कूलों के बच्चों को क़्वालिटी एजुकेशन देने के लिए झारखंड सरकार ने बनाया मास्टर प्लान , शिक्षकों को दस महीना का प्रशिक्षण

सरकारी स्कूलों के बच्चों को क़्वालिटी एजुकेशन देने के लिए झारखंड सरकार ने मास्टर प्लान तैयार की है। इसके अंतर्गत कुछ शिक्षकों को दस महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा निर्देश के बाद सरकारी स्कूल के बच्चों को निजी (प्राइवेट) स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत अजीम प्रेमजी फाउंडेशन मॉडल स्कूल में पढ़ाने वाले प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है।

आदर्श विद्यालय कार्यक्रम में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा पर जोर दी जा रही है। सरकार इन स्कूलों के शिक्षकों को चेंजमेकर की भूमिका निभाने के लिए तैयार कर रही है।

प्रथम चरण में प्रशिक्षण कार्यक्रम के विशेष तौर पर अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान , विज्ञान, गणित व हिंदी विषय पर ध्यान दिया जा रहा है।

आजिज प्रेम जी फाउंडेशन के साथ साथ आई आई एम जैसे संस्थान भी दे रहे प्रशिक्षण

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को आदर्श विद्यालय के स्कूल हेडमास्टर, डाइट फैकल्टी, विषय विशिष्ट मास्टर ट्रेनर्स और प्रमुख हितधारकों के क्षमता वृद्धि कार्यक्रम की अवधारणा व संचालन के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।


बतादें कि मॉडल स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को आईआईएम जैसे संस्थान भी प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। यह कार्यक्रम झारखंड के करीब चार हजार मॉडल स्कूलों के लिए एक प्रभावी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्यशालाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से प्रशिक्षण दी जा रहे है।

प्रशिक्षण के प्रथम चरण में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा चेंजमेकर के रूप में चिन्हित 80 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ 10 महीने के प्रशिक्षण की रूपरेखा के अनुसार स्कूल के लिए बेहतर विजन विकसित करना, स्कूल में गुणवत्ता में सुधार, गुणवत्ता सुधार के लिए नेतृत्व क्षमता में वृद्धि, सीखने की संस्कृति का विकास, सीखने के माहौल का निर्माण समेत अन्य प्रशिक्षण दी गई है।

प्रशिक्षण के जरिए माघ्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर 9 वीं से 12 वीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की विषय विशेषज्ञता की पहचान की जाएगी और 150 डाइट संकायों के लिए ब्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम डाइट में होगा। जिसमे पांच दिनों में कुल तीन कार्यशालाएं आयोजित होगा।

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