
भैया दूज को लेकर अब भी लोग संशय में पड़े हुए है। लेकिन अब हम आपके इस संशय को दूर करने जा रहा है।
बता दें कि भैया दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष कैलेंडर के अनुसार भाई दूज 26 अक्टूबर 2022 को निर्धारित है। वहीं भाई दूज 5 दिन दिपोत्सव पर्व का आखिरी दिन होता है, जिसे हम यम द्वितीया के नाम से भी जानते है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी लंबी उम्र, रक्षा और उन्नति की कामना करती है।
वहीं भाई की ओर से अपनी बहन को गिफ्ट दिये जाते है। वहीं भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच अटटू प्रेम और पवित्र रिश्तों को भी दर्शाता है। बता दें िकइस साल भाई दूज का पर्व बेहद शुभ संयोग में मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट भी है।
भाई दूज 2022 का शुभ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02ः42 बजे से शुरू हो रहा है।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 27 अक्टूबर 2022, दोपहर 12.ः45 को समाप्त होगा।
भाई दूज पूजा शुभ समय
दोपहर 01.18 - दोपहर 03.33 (26 अक्टूबर 2022) विजय मुहूर्त- दोपहर 02ः03 - दोपहर 02ः48 गोधूलि मुहूर्त - शाम 05ः49 - शाम 06ः14
जानें भैया दूज पूजा की पूरी विधि
भैया दूज या भाई दूज वाले इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का खास महत्व है। वहीं अगर ऐसा संभव न हो तो आप सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें सकते है। साथ ही बहनें कोशिश करें कि आप भाई दूज की पूजा शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें। इसके लिए आप सर्वप्रथम भाई को एक चैकी पर बिठाएं और फिर कुमकुम से तिलक कर अक्षत लगाएं।
वहीं भाई का टीका करते हुए ये मंत्र बोलें -गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े। इसके बाद आप भाई को मिठाई खिलाएं और यम देवता से भाई की लंबी आयु की कामना करें।
निर्णय लेने की क्षमता में होती है वृद्धि
बता दें कि आदि काल से ही तिलक विजय, पराक्रम और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार तिलक लगाने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति में बढ़ोतरी होती है। साथ ही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि तिलक के ऊपर चावल लगाने से मानसिक शांति मिलती है।