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सहायक अध्यापकों के लिए बड़ी खबर : अनुकम्पा पर आश्रितों को योग्यता के अनुसार नौकरी

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सहायक अध्यापकों के लिए बड़ी खबर : अनुकम्पा पर आश्रितों को योग्यता के अनुसार नौकरी

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि सहायक अध्यापकों के बनी नियमावली में बदलाव होगा। उनके आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी के प्रावधान में बदलाव की जाएगी और उनके आश्रित को योग्यता के अनुरूप नौकरी दी जायेगी।

शिक्षकों को इपीएफ की सुविधा देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।


शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के द्वारा विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके साथ ही शिक्षकों को इपीएफ का लाभ देने, शिक्षक कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया है। कल्याण कोष गठन की प्रक्रिया भी दिसंबर अंत तक पूरी कर ली जायेगी।

उक्त विषयों का प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री ने झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में रखने को कहा है। गौरतलब हो कि इसी वर्ष फरवरी में सहायक अध्यापकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनी है और शिक्षक संघ इसके शर्तों में बदलाव की मांग8 कर रहे थे।

नियमावली में क्या थी आपति

झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 के मुताबिक पारा शिक्षकों के कार्य अविधि में मृत्यु होने की स्थिति में शिक्षक की अहर्ता पूर्ण करने पर ही मृतक के एक आश्रित को अनुकंपा का लाभ दिया जाता । इसमें JTET और प्रशिक्षित होना अनिवार्य किया गया है।

नियमावली शर्त के मुताबिक ऐसे में अगर मृतक के आश्रित शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास नहीं हो, तो उन्हें नौकरी नहीं मिल सकता था।

बतादें कि राज्य में पिछले पांच वर्ष से शिक्षक पात्रता परीक्षा ही नहीं हुई है। ऐसे में आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने की कोई संभावना ही नही है। जिसपर संघ लगातार आपति जता रहे थे ।

शिक्षा मंत्री ने दिए बदलाव के निर्देश

शिक्षा मंत्री के निर्देश के अनुरूप अब इसमें बदलाव की जाएगी। बदलाव के बाद अगर किसी मृतक शिक्षक के आश्रित शिक्षक बनने के मापदंड को पूरा नहीं करते हैं, तो भी उनकी नियुक्ति योग्यता के अनुरूप अन्य पदों पर करने की तैयारी होगी।

नियुक्ति समग्र
शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित योजनाओं में हो सकेगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन करना पड़ेगा। झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी होगी।नियमावली संशोधन के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा।

शर्त के कारण आश्रितों को नहीं मिल सकी नौकरी

सेवा शर्त नियमावली बनने के बाद लगभग 50 पारा शिक्षकों का निधन हो चुका है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने कहा कि अब तक एक भी शिक्षक के आश्रित को नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई है।

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